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    प्राचार्य

    पी एम श्री केन्‍द्रीय विद्यालय संगठन, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार के अधिन एक स्‍वायत्‍त निकाय है जो सभी जन सामान्‍य के लिए शिक्षा का कार्य करता है. केन्‍द्रीय विद्यालय बैरागढ़, केन्‍द्रीय विद्यालय संगठन, मुख्‍यालय नई दिल्‍ली के संरक्षण में वर्ष 1977 में स्‍थापित किया गया है तथा क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल के अधिनस्‍त दिशा निर्देश/मार्गदर्शन के अनुसार कार्यरत है विद्यालय में भारतीय विरासत, संस्‍कृति के अनुसार शिक्षा कि नीव रखने हेतु आधुनिक दृष्टिकोण अपनाते हुए शिक्षा अधिगम कार्य किया जाता है। विद्यार्थियों को इस तरह से तैयार किया जाता है कि वे समाज में एक जिम्‍मेदार व्‍यक्ति/नागरीक के रूप में अपने आप को स्‍थापीत कर सके। केन्‍द्रीय विद्यालय बैरागढ़ ने स्‍थापना से अपना अच्‍छी शुरूवात करते हुए आज भोपाल शहर में अन्‍य शिक्षण संख्‍याओ में अपनी छवी अच्‍छी शिक्षा एवं अनुशासन हेतु बनाए रखी हुई है। विद्यालय का निरंतर विकास हुआ है. विद्यालय कक्षा 1 से 12 वीं तक चार-चार वर्ग के साथ संचालीत है। कक्षा 11वी एवं 12वी में विज्ञान, वाण्ज्यि एवं कला संकाय उपलब्‍ध है छात्रों के सर्वागीन विकास हेतु खेलकुद, स्‍काउट-गाईड, कब बुल-बुल एवं पाठ्य सहगामी क्रियाए निय‍मीत रूप में चलाई जाती है। तथा इन सभी क्रिया कलापो मे छात्रों ने उल्‍लेखनीय प्रगती कि है। विद्यालय में एन.सी.सी यूनिट भी संचालीत है। आज दिनांक को विद्यालय में लगभग 1850 से भी अधिक छात्र-छात्राए अध्‍यनरत है। 74 नियमीत शिक्षक, 12 अंशकालीक कर्मचारी तथा 12 संविदा कर्मचारीयों से लगभग 100 लोगो का कुशल मानव संसाधन छात्रों एवं समाज के उत्‍थान हेतु प्रयत्‍नशील है। विद्यालय 13 एकड़ में फैला हुआ, चार भवनों में 48 कक्षाएं एवं 20 में अधिक अलग-अलग प्रयोगशाला एवं विभाग में संचालीत होता है। विद्यालय में बगीचा, लॉन एवं फुल पौधे वातावरण को सुदंर एवं सुखद बनाते है। संगणक कृत स्‍मार्ट कक्षाए, मल्‍टीमीडीया, सी.एम.पी. तथा नवसृजन कक्ष/कक्षाए है जो छात्रों को प्रभावित एवं उत्‍साहित बनाती है। साफ सुथरा ठंडा पीने का पानी तथा प्रयोग हेतु निरतंर रूप में उपलब्‍ध है। विद्यालय प्रबंध समिती जो विद्यालय कि प्रगती हेतु सदैव मदत के लिए तैयार रहती है। विद्यालय वि.प्र.स, पी.टी.ए. तथा सभी एलमुनाई (पूर्व स्‍थापित छात्र) का विद्यालय प्रगति में योगदान कि अपेक्षा करते हुए धन्‍यवाद ज्ञापीत करता है।

    (भरत कुमार बचले)
    प्राचार्य